
नई दिल्ली: जैंटलमैन का गेम कहे जाने वाले खेल क्रिकेट की लोकप्रियता दुनिया के सभी देशों में है. मौजूदा समय में लोगों में क्रिकेट का क्रेज वक्त के साथ बढ़ता जा रहा है. लेकिन बहुत लोग ऐसे होते हैं जो क्रिकेट को पंसद करते हैं, लेकिन उन्हें क्रिकेट के कुछ नियम और नाम के बारे में अधिक जानकारी नहीं होते हैं. इसी आधार पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्रिकेट के प्रारंभिक स्वरुप टेस्ट क्रिकेट में है नाइट वॉचमैन क्यों होता है. साथ ही टेस्ट क्रिकेट इतिहास में किस नाइट वॉचमैन ने शतक लगाकर इतिहास रचा है.
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गौरतलब है कि टेस्ट क्रिकेट में नाइट वॉचमैन का मतलब ज्यादातर निचले क्रम के यानी पुछ्छले बल्लेबाजों से होता है. लेकिन कई मौकों पर विकेटकीपर भी बतौर नाइट वॉचमैन क्रीज पर उतरें हैं. दरअसल जब किसी टेस्ट मैच के दौरान दिन का खेल खत्म होने की कगार पर होता है और उस समय बैटिंग कर रही टीम का कोई विकेट गिर जाता है. तो उस दौरान बैटिंग साइड का कप्तान टीम के किसी टेलेंडर को बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर भेजता है.
A fast bowler who took 402 international wickets for Australia, he famously hit 201* in his final Test against Bangladesh in Chittagong – the highest score by a nightwatchman!
Happy birthday to @dizzy259! pic.twitter.com/EeQsUFUWia
— ICC (@ICC) April 19, 2018
कप्तान ऐसा इसलिए करता है कि क्यों कि टेस्ट मैच के दिन के आखिरी समय में अंधेरा होने लगता है और उस समय विकेट गिरने की संभावना काफी रहती हैं. इस वजह से वह कप्तान उसी दिन के बाकी बचे कुछ ओवर को खेलने के लिए नाइट वॉचमैन को भेजता है ताकि वो विकेट रुक सके अगर वो ऐसा करते वक्त आउट भी हो जाए तो टीम को उससे कुछ खास फर्क नहीं पड़ता.
लेकिन टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे नाइट वॉचमैन रहें हैं, जिन्होंने मौके का भरपूर फायदा उठाते हुए दोहेर शतक और शतक बनाएं हैं. अगर ऐसे नाइट वॉचमैन के बारे में चर्चा की जाए तो इसमें ऊपर नाम ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी का जिन्होंने नाइट वॉचमैन के रूप में दोहरा शतक जड़ा है. इसके अलावा पाकिस्तान के नसीम उल घनी, साउथ अफ्रीका के मार्क बाउचर, ऑस्ट्रेलिया के टोनी मान और भारत के सैय्यद किरमानी शामिल हैं.